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#कौन_पास_कौन_फैलस्कूल में चल रहे '#न्यू_इडिया' कार्यक्रम के तहत मैने '#नये_भारत_के_समक्ष_चुनौतियाँ' पर अपना व्याख्यान समाप्त किया ही था कि प्राचार्य सर ने मुझे बुलाया और कहा आप अच्छा बोलते हो और लिखते भी हो। #शिक्षा_मंत्रालय_ने_आरटीई_पर_समीक्षा_रिपोर्ट_मांगी_है, तो जल्दी से रिपोर्ट तैयार करके ईमेल करो। मै समझ नहीं पाया कि इतने बड़े सरकारी मिशन पर क्या समीक्षा रिपोर्ट लिखू और वो भी हाथों-हाथ काफी देर सोचने के बाद मैने पिछले साल 9 मई की आप बिती को ही समीक्षा रिपोर्ट बनाने का फैसला कर कम्प्यूटर ऑन कर दिया ---9 मई की बात थी तेज तपती दुपहरी मे #जगदीपसिह अपने पिता के साथ अपना परीक्षा परिणाम जानने आया था। मैने दूर से देखते ही सातवीं कलाश के रिपोर्ट कार्डों मे से जगदीप का रिपोर्ट कार्ड बाहर निकाल लिया था। बहुत कम बातचीत मे मुझे लगा कि वे जल्दी में है तो मैने उनका कार्ड आगे करते हुऐ कहा बेटा यहां हस्ताक्षर कर दो उसने बड़ी मुश्किल से जोङ जोङ कर अपना अपना नाम जगदीप लिख दिया । मैने उनके बाप से भी हस्ताक्षर करने को कहा पर उन्होने असहमति में सिर हिला दिया । मैने कहा बेटा आप यहां इनका नाम लिख दो तो जगदीप ने बड़े #कॉन्फडेन्स से कहा गुरू जी मैनू मेरे बिणा किसे दा ना नी लिखना औंदा। (मेरे अलाव किसी का नाम नही लिखना आता) मैने दोनो की तरफ देखा और खुद ही सुखचैनसिह लिख दिया और रिपोर्ट कार्ड उनके हाथो में थमा दिया। उसके बाप ने पूछा साडा मुंडा पप्पू (घर का नाम) पास हो गया के जी, मेरे उतर की प्रतीक्षा करें बिना ही आगे बोला सारे मुंडे- कुडी पास हो गये। (सभी लड़के-लड़किया पास हो गये) मै सोच रहा था की अगर जगदीप सिंह पास हो गया तो फैल कोन हुआ ? क्या मै फैल हो गया ? क्या उसका बाप फैल हो गया ? क्या सरकार फैल हो गई ? क्या सिस्टम फैल हो गया ? क्या पुरा देश फैल हो गय ? मन तो कह रहा था कि एक ही झटके मे जवाब दे दू सब पर मुझे एक वफादार सरकारी शिक्षक होने का अहसास हुआ तो सरकारी शिक्षक के धर्म की पालना दिल पर पत्थर रख कर कहा, हॉ पप्पू यानी जगदीपसिह पास हो गया-सब पास हो गये केवल पास ? इतना कहते ही सुखचेनसिह मुस्कराते हुऐ कहा चकते फट्टे और जेब से चार-पांच टोफियाँ निकाली और हाथ आगे बढाते हुऐ कहा बहुत बहुत धनवाद जी धनवाद --- लो मुँह मिठा करो बहुत अच्छी टोफियॉ है #चूसो_जी_चूसो_चबाना_मत_जी कहते हुए चला गया मैने मेरी समीक्षा रिपोर्ट पूरी कर ली है और ईमेल भी कर दी है। (नोट: सामान्य पाठको की सुविधा के लिए सरल शब्दों में बता दू आरटीई एक ऐसा कानून है कि जिसमें किसी भी बच्चे को फैल नहीं किया जाता)फैल हो गये ! #राकेश_कुमार #राकेश ( प्राध्यापक, भादरा हनुमानगढ़) की कलम से संगरिया की आवाज़।
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