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#संगरिया 😜#दौडते_दौडते_भ्रष्टाचार 😜MLA कोटे से खेल सामान की खरीद में भ्रष्टाचार: नौकर-करीबी लोगों को करोड़ों का ठेका; वित्तीय मंजूरी के बाद रजिस्टर्ड कराई फर्मबहरोड़ विधायक बलजीत यादव के कोटे से सरकारी स्कूलों के लिए स्पोर्ट्स सामान की खरीद में भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है। खरीद वाली फर्मों और सामानों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं । करीब तीन करोड़ रुपए से अधिक के ठेके ऐसी फर्मों को दिए गए, जो हाथों-हाथ या कुछ समय पहले ही रजिस्टर्ड कराई गई थीं।जिन फर्मों से सामान खरीद बताया गया है, उनमें से किसी ने भी जीएसटी जमा नहीं कराया है। जिनके नाम से फर्म रजिस्टर्ड हैं, वे विधायक के नजदीकी हैं। इनमें से दो फर्मों तो सरकार की ओर से वित्तीय मंजूरी जारी किए जाने के बाद रजिस्टर्ड कराई गईं।फर्मों का ऐसे काम से कोई लेना देना नहीं है। भास्कर ने ग्राउंड पर जाकर देखा तो फर्म का जहां ऑफिस बताया गया है, वहां पर निवास पाया और खेल के नाम का बहरोड़ विधायक बलजीत यादव के कोटे से सरकारी स्कूल के लिए खरीदा गया खेल सामान।जिन चार फर्मों को ठेका दिया, उनमें से किसी ने भी जमा नहीं कराया जीएसटी विधायक द्वारा एक बार 19 स्कूलों को 9-9 लाख रुपए की सिफारिश की गई। राज्य सरकार की ओर से इसकी वित्तीय स्वीकृति 16 फरवरी 2022 को जारी की गई। वित्तीय स्वीकृति के बाद 'शर्मा स्पोर्ट्स' नाम की फर्म का 6 जून 22 को रजिस्ट्रेशन हुआ। इन 19 स्कूलों का टेंडर 18 जुलाई को इसी कंपनी को दे दिया गया।टेंडर की यह राशि लगभग एक करोड़ 71 लाख रुपए है। जिस शर्मा स्पोर्ट्स को सबसे बड़ा ठेका मिला, उसका मालिक नवीन कुमार है। वह जयपुर में विधायक के शोरूम में काम करता है। कंपनी के रजिस्ट्रेशन में जो पता दिया गया है, भास्कर पहुंचा तो वहां निवास स्थान मिला। खेल का बिजनेस होने की भी किसी तरह की कोई जानकारी नहीं मिली।अनुशंसा की गई। इसकी स्वीकृति 5 मई 2021 को जारी की गई। ठेका 'बालाजी कंप्लीट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड' को दिया गया, जिसका रजिस्ट्रेशन 17 मई को हुआ।बीरनवास, कायसा, काठूवास और डूमडोली को 9-9 लाख रुपए की स्वीकृति 5 अगस्त 2021 को जारी की गई। ठेका देने के लिए एक से अधिक फर्मों का होना आवश्यक है, इसलिए 28 सितंबर 21 को 'सूर्या स्पोर्ट्स फर्म' का रजिस्ट्रेशन करवाया गया और ठेका 3 दिसंबर को 'बालाजी कंपलीट सॉल्यूशन प्रा.लि.' को दे दिया।रायसराना, माजरीकलां महतावास, गिगलाना, तलवाना रोडवाल, रैवाना, खूंदरोठ स्कूल को 9-9 लाख की अनुशंसा के बाद वित्तीय स्वीकति 10 सितंबर2021 को मिली। इनमें से 5 स्कूलों (रायसराना, माजरीकलां, महतावास, गिगलाना, तलवाना) का टेंडर लगाया। इसमें 3 फर्म (बालाजी, सूर्या, राजपूत ) शामिल हुईं। इसमें 4 जनवरी 22 को बैट का टेंडर सूर्या को और बाकी बालाजी को दिया गया।रोडवाल, रैवाना, खूंदरोठ का टेंडर अलग से लगाया गया। उसमें भी ये तीनों फर्म ही शामिल हुईं। इसमें सारे सामान का टेंडर 18 जनवरी 22 को राजपूत फर्म को दे दिया गया, जिसका रजिस्ट्रेशन 9 अक्टूबर 2021 को हुआ।कुल खरीद लगभग 3 करोड़ : एक स्कूल को 9 लाख का सामान, 1 बैट की कीमत 15,600 रुपएकुल 32 स्कूलों को सामान दे दिया गया है, शेष को देना है। जो बैट दिया गया है, उसकी प्रत्येक की कीमत 15 हजार 600 रुपए तय की गई, ज्यादातर स्कूलों को 50-50 बैट दिए गए हैं। जो बैट स्कूलों में पहुंचा, उसकी कीमत पर सीधा सवाल है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी जांच की जाएगी तो मामला सामने आ जाएगा। दावा है कि बैट सनी गोल्ड इंग्लिश विलो कंपनी का है। जबकि भास्कर ने कई स्कूलों में देखा तो पाया कि बैट पर न तो एमआरपी है और न ही कंपनी की कोई ब्राडिंग, जबकि कंपनी इसके बिना सेल ही नहीं करती। अन्य सामान की कीमतें भी मुद्दे, जिनकी जांच हो तो खुल सकता है मामला1. वित्तीय स्वीकृति के बाद ठेके के लिए इंतजार क्यों किया गया?2. जिन फर्मों को ठेका दिया गया, उनके मालिक कौन हैं?3. जिस कंपनी का बैट 15,600 रुपए का बताया, उस कंपनी से जांच की जाए, इस फर्म ने माल कब खरीदा, उसके भुगतान व जीएसटी के भुगतान की जांच की जाए भुगतान के दो दिन बाद पैसा विधायक के रिश्तेदार के खाते में - संजय यादवराजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य संजय यादव ने कहा कि मुझे इस मामले की जानकारी मिली तो मैंने एसीबी जयपुर व लोकायुक्त को पूरी जानकारी दी। इसकी....
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